पाकिस्तान के स्कूल में हिंदुओं के बारे में उनके टेक्सबुक में क्या-क्या लिखा जा रहा है जानिए उन लोगों से जिन्होंने वहां पर पढ़ाई की है और वहां पर ही प्ले बड़े हैं
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।सोचिए आपका नाम इमरान, अब्दुल्ला या आमिर है और आप पाकिस्तान में रहते हैं. निश्चित रूप से, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि अनजान लोगों से पहली मुलाकात के दौरान अपना परिचय देते समय आपको सोचना पड़ा हो या आपके दिमाग में यह सवाल आया हो, कि पता नहीं सामने वाला व्यक्ति मेरा नाम सुनकर क्या प्रतिक्रिया देगा?
लेकिन अगर आपका नाम किशोर, मुकेश या आकाश है, तो शायद कई बार आपके लिए अपना नाम बताना ही सबसे मुश्किल कदम हो सकता है. कुछ नहीं पता कि कब कौन पूछले कि आप भारत से कब आए?
आपको 14 अगस्त के बजाय 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने की भी सलाह दी जा सकती है. और कुछ नहीं तो भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में जब भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करने लगे, तो यार दोस्त ही व्यंग्य करने लगेंगे कि तेरी टीम तो जीतने लगी है.
इसके अलावा, आपको बचपन और जवानी के कई साल एक ऐसी पीड़ा से भी गुजरना पड़ सकता है, जब आपको हर दिन अपने हिंदू होने पर पछतावा होगा. इन सबका संभावित परिणाम यह भी हो सकता है कि धीरे-धीरे आप अपने आपको हीन, असहाय और मजबूर महसूस करने लगेंगे. ( Source : BBC Hindi)
पाकिस्तान की स्कूली किताबों में हिंदुओं के बारे में क्या पढ़ाया जाता है?
— BBC News Hindi (@BBCHindi) April 14, 2021
वीडियोः करीमुल इस्लाम pic.twitter.com/Fwfa3YeWpd
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